Tuesday, November 28, 2006

चंद नये शेर

1.
ये मेरी लाश में धड़कन कैसी,
शायद वो आया है जनाज़े में मेरे।
उससे कहना वक्त़ से घर चला जाये,
लोग ख्वामख्वाह मुर्दे को बददुआऐं देंगे।
2.
जो दफ्ऩ करना मुझे, तो उल्टा लिटाना,
किसी ने कसम दी है, "कभी मुँह न दिखाना"।

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