बहुत दिनों से या सच कहूं तो बहुत सालों से ये प्रोजेक्ट(सॉफ्टवेयर इंजीनियर हर काम को प्रोजेक्ट कहते हैं, यहाँ तक कि सुबह उठ कर नित्य कर्म करने को भी वे प्रोजेक्ट कहते हैं) मेरे मन-मस्तिष्क में कूद फांद कर रहा था. चेतन भगत भ्राता के पश्चात तो बाढ़ सी आ गयी. कोई कुछ भी लिख देता और समझता कि लो बाऊजी बन गयी एक और बेस्टसेलर. बस लेखक के नाम् के आगे इंजीनियर और ऍम.बी.ऐ लगा दो और धडाधड कलेक्ट करो रोयल्टी. तो मैंने भी ठान ली कि सर जी लिखना तो अपने को भी है.
तो जी बात कि शुरुआत कहाँ से हुई, कहाँ से खोज हुई कि ये जो 'सॉफ्टवेयर इंजीनियर' है ये भिन्न प्रजाति का प्राणी है. कब ये मनुष्य योनी से किसी और योनी में प्रवेश कर गया. इतिहास पुराना नहीं पर गूढ़ और रहस्यमय ज़रूर है. ये शायद कोई नहीं जानता कि इस प्रजाति का उद्भव कैसे हुआ पर इतना ज़रूर ज्ञात हुआ है कि इनके पूर्वज पूर्णतया मनुष्य थे. फ़िर कालांतर में उनके जींस और आचार व्यवहार में ऐसे बदलाव आए कि 'म्यूटेशन(Mutation) ' नामक शब्द भी छोटा पड़ गया......
3 comments:
dost.. sahi bol raha hoo.. likh do ek novel.. hindi mei.. you have great talent..
are sir jee ab likhte likhte hi likhenge[:)]
coding bhi to karni hai pet ke liye
Aapka blog lekhan toh vaakai kaabi-e-tareef hai!
waise thanks for the Info...!
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